हालांकि पाकिस्तान से आए किसी उर्दू-भाषी हिन्दू शरणार्थी, अफ़ग़ानिस्तान का कोई दरी-भाषी हिन्दू शरणार्थी या बांग्लादेश से आए किसी बांग्ला-भाषी हिन्दू शरणार्थी के मन में मुश्किल से यह बात आएगी कि भारत में वह तमिल-भाषी तमिलनाडु में अपना बसेरा डाले, CAA लागू होने के संकेत मिलते ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज कहा कि “मुसलमान-विरोधी” और “लंकाई तमिल विरोधी” नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) तमिलनाडु में लागू नहीं किया जाएगा। एक्स पर एक पोस्ट में स्टालिन ने 2021 में राज्य विधानसभा द्वारा CAA के विरुद्ध पारित प्रस्ताव को याद किया और “दृढ़ता से” कहा कि “हम CAA को तमिलनाडु में क़दम नहीं रखने देंगे”।
स्टालिन ने 2019 में संसद में विधेयक पारित होने के लिए एडप्पादी के पलानीस्वामी (EPS) के नेतृत्व वाली All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam (अन्नाद्रमुक या AIADMK) को भी दोषी ठहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली भाजपा सरकार की कार्रवाइयों को देख रहे हैं और AIADMK इसका समर्थन कर रही है।
परंतु EPS ने भी कहा कि AIADMK कभी भी अल्पसंख्यकों को किसी क़ानून से प्रभावित नहीं होने देगी। स्टालिन और EPS दोनों केंद्रीय बंदरगाह, जहाज़ और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि CAA सात दिनों के भीतर पूरे देश में लागू किया जाएगा।
EPS ने कहा कि Dravida Munnetra Kazhagam (द्रमुक या ADMK) अल्पसंख्यकों को धोखा देती है। EPS के अनुसार ADMK अपनी रणनीति के तहत सांप्रदायिकता के विरोध का ढोंग रचाती है, भाजपा सत्ता में हो तो कभी कभी उसके साथ भी हो लेती है और भाजपा के साथ गठबंधन न हो पाए तो भाजपा का विरोध करने लगती है।
EPS ने कहा कि AIADMK ने पहले ही तमिलनाडु विधानसभा में यह बता दिया था कि अगर CAA से तमिलनाडु में मुसलमानों और लंकाई तमिलों को परेशानी होती है तो वह चुप नहीं बैठेगी। EPS ने कहा कि DMK को उनकी पार्टी पर उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि वह 1998 के कोयंबटूर विस्फोटों पर मूकदर्शक बनी रही और “मुसलमानों की पीठ में छुरा घोंपा”। EPS ने कहा कि DMK ने मीडिया बयानों और सार्वजनिक भाषणों में भाजपा का विरोध किया लेकिन शॉल भेंट कर भाजपा नेताओं का स्वागत भी किया।