फ़िल्म निर्माता जियो बेबी ने देश में सेंसरशिप के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है। कैथल — द कोर के निर्देशक ने नयनतारा-अभिनीत तमिल फ़िल्म अन्नपूर्णी को धार्मिक भावनाओं को आहत करने के कारण Netflix से हटाए जाने पर भी चिंता व्यक्त की। जियो बेबी ने कहा कि कलाकारों को अपनी रचनात्मक स्वतंत्रता के लिए दृढ़ रहना चाहिए।
सोशल मीडिया के यूज़र्स द्वारा अन्नपूर्णी पर लव जिहाद को बढ़ावा देने के आरोप लाग्ने के बाद तमिल फ़िल्म को धार्मिक भावनाएँ आहत करने के लिए OTT platforms से हटा दिया गया था। फ़िल्म में यह दिखाया गया कि नमाज़ पढ़ने वाला ही स्वादिष्ट बिरयानी बना सकता है। फ़िल्म की नायिका एक ब्राह्मण की बेटी है। जब तक वह हिन्दू प्रथाओं का पालन करते हुए बिरयानी पकाने की कोशिश करती है, उसकी बिरयानी में स्वाद नहीं होता। फिर एक दिन वह मुसलमानों की तरह नमाज़ पढ़ती है और फिर बिरयानी बनाती है तो कूकिंग कॉन्टेस्ट में अव्वल आ जाती है! फ़िल्म के इसी भाग को लेकर सोशल मीडिया में हंगामा खड़ा हुआ।
नयनतारा-अभिनीत नीलेश कृष्ण द्वारा निर्देशित अन्नपूर्णी में ब्राह्मण परिवार में जन्मी एक लड़की देश की सर्वश्रेष्ठ शेफ़ बनना चाहती है, लेकिन अपने सपने को साकार करने के लिए उसे मांसाहारी भोजन पकाना पड़ता है। यह फ़िल्म पिछले साल दिसंबर में रिलीज़ हुई थी और चार हफ़्ते बाद Netflix पर स्ट्रीम हुई थी।
हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने की शिकायत के बाद फ़िल्म को जल्द ही मंच से हटा दिया गया। जबकि हिंदू संगठनों के कई सदस्यों ने नायक द्वारा बिरयानी पकाने से पहले नमाज़ पढ़ने पर आपत्ति जताई। उनमें से एक वर्ग इसलिए नाराज़ हुआ कि एक मुस्लिम चरित्र ने कहा कि हिंदू भगवान् राम भी मांस खाया करते थे।
हंगामे के बाद नयनतारा ने माफ़ी मांगी। उन्होंने एक्स पर लिखा—
जय श्रीराम! एक सकारात्मक संदेश साझा करने के हमारे ईमानदार प्रयास में हम अनजाने में किसी को चोट पहुँचा सकते हैं। हमें उम्मीद नहीं थी कि पहले सिनेमाघरों में प्रदर्शित सेंसर की जा चुकी फ़िल्म को OTT platform से हटा दिया जाएगा। मेरी टीम और मेरा इरादा कभी भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का नहीं था और हम इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं। पूरे दिल से भगवान में विश्वास करने वाले और देश भर के मंदिरों में प्रायः जाने वाले व्यक्ति होने के नाते मैं ऐसा कर ही नहीं सकती थी। जिन लोगों की भावनाओं को हमने ठेस पहुँचाई है, मैं उनसे ईमानदारी से और दिल से माफी मांगती हूँ।
लेकिन फ़िल्म निर्माता का कहना है कि —
लेकिन मुझे इस बात का डर है कि अभी भारत में क्या हो रहा है। हम धार्मिक और राजनैतिक सेंसरशिप का सामना कर रहे हैं। यह न केवल फ़िल्म निर्माताओं के लिए बल्कि सभी कलाकारों के लिए चिंताजनक है।
कलाकारों से स्वयं को अभिव्यक्त करने की आज़ादी छीने जाने के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि —
दुर्भाग्य से कुछ लोग हार मान रहे हैं। जैसे हाल ही में फ़िल्म को वापस लेकर वास्तव में वे स्वीकार कर रहे हैं कि वे अपराध या कुछ और कर रहे हैं। यह सिनेमा कलाकार या समाज के लिए अच्छा नहीं है।