अहमदाबाद-स्थित सामाजिक-धार्मिक संगठन विश्व उमियाधाम के पदाधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने गुजरात सरकार को अंतर-धार्मिक विवाहों को नियंत्रित करने वाले नियमों और दिशानिर्देशों में बदलाव का सुझाव दिया है ताकि लव जिहाद (love jihad) की घटनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से रोका जा सके। विश्व उमियाधाम ने मंगलवार को एक कार्यक्रम आयोजित किया जहाँ वयस्क महिलाओं ने लगभग 2,000 लड़कियों से बातचीत की जिनमें से अधिकांश पाटीदार समुदाय से थीं।
विश्व उमियाधाम के उपाध्यक्ष दीपक पटेल ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को कई अनुमोदन भेजे हैं जो अंतर-सामुदायिक विवाह पंजीकरण के नियमों और दिशानिर्देशों में बदलाव करने में समर्थ होंगे। पटेल ने कहा कि विश्व उमियाधाम ने राज्य सरकार से दो व्यक्तियों द्वारा अंतर-धार्मिक विवाह के लिए जमा किए गए दस्तावेज़ों के सत्यार्पण पर एक खंड शामिल करने के लिए कहा है।
पटेल ने कहा कि उन्होंने सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उसके अधिकारी दोनों व्यक्तियों के घरों का दौरा करें। इस प्रकार उनके माता-पिता को व्यक्तियों के निर्णय की जानकारी होगी और वे निवारक क़दम उठा सकते हैं।
पटेल ने कहा कि अन्य अनुमोदन के बीच विश्व उमियाधाम ने सरकार से विभिन्न धर्मों के उन व्यक्तियों के लिए इसे अनिवार्य बनाने के लिए कहा है जो शादी करना चाहते हैं और आवेदन में अपने माता-पिता के नाम और संपर्क नंबर प्रदान करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अनुमोदन को लेकर सकारात्मक है।
विश्व उमियाधाम ने यहां भटकाई गई महिलाओं के वास्तविक जीवन की कहानियों से प्रेरित फ़िल्म द केरल स्टोरी की पृष्ठभूमि से आए केरल-स्थित संगठन आर्ष विद्या समाजम् (AVS) को लड़कियों से बात करने के लिए आमंत्रित किया था। AVS ने अब तक 7,500 से अधिक लोगों की हिंदू धर्म में घर वापसी करवाई है। केरल के संस्था के संस्थापक केआर मनोज ने कहा कि उनका संघर्ष मुसलमानों या ईसाइयों के विरुद्ध नहीं है बल्कि हिंदू युवाओं को भटकाने के षड़यंत्र के विरुद्ध है।
पिछले वर्ष ही केरल से 100 से अधिक लोगों को Isis ने भर्ती किया था। चार महिलाएँ अभी भी अफ़ग़ानिस्तान की जेलों में हैं। मनोज ने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग मज़हबी रूपांतरण और दीक्षा के लिए भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।
एवीएस की आजीवन सदस्या विशाली शेट्टी से कलमा पढ़वाया गया था लेकिन वे हिंदू धर्म में लौट आईं। शेट्टी ने कहा कि धर्मांतरण केवल love jihad के बारे में नहीं है। दान, पैसे की लालच, बौद्धिक ब्रेनवॉशिंग और नास्तिकता का प्रचार जैसे अन्य कारक भी प्रचलित हैं।
शिक्षिका श्रुति ने कहा कि 11 साल पहले जब वह कॉलेज में थी तो उसके मुसलमान दोस्तों ने उसे इस्लाम के सिद्धांतों से परिचित कराया। श्रुति ने कहा कि जब इस्लाम में उनकी रुचि बढ़ी तो वे उन्हें एक रूपांतरण केंद्र में ले गए और उन्हें ‘रहमत’ नाम दिया। पर AVS में आने के बाद उन्होंने सनातन धर्म को व्यापक रूप से समझा।
हालांकि मूलधारा की मीडिया ने ऐसी अवधारणा बनाई है कि “love jihad” हिन्दू दक्षिणपंथियों द्वारा रचित एक षड़यंत्र सूत्र (conspiracy theory) है, इस टर्म का प्रयोग सबसे पहले केरल के ईसाइयों ने किया था और 2005-10 के बीच इसे प्रचलित किया था। उनका आरोप था कि राज्य के मुसलमान एक षड़यंत्र के अंतर्गत ईसाई लड़कियों को निशाना बना रहे थे और उनसे शादी कर न केवल उन लड़कियों को मुसलमान बना रहे थे बल्कि उनके द्वारा मुसलमान बच्चे भी पैदा करवा रहे थे जिससे कि केरल में धीरे-धीरे मुसलमानों का ही वर्चस्व स्थापित हो जाए। केरल के ईसाइयों ने ज्ञापन देकर राज्य व केंद्र सरकार को इस साज़िश के प्रति आगाह भी करवाया था। “love jihad” शब्द युगल का प्रयोग हिन्दू पिछले 7-8 साल से कर रहे हैं।